Thursday, Sep 19, 2024
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कटनी

खरीदी केंद्र सिहुड़ी में व्यापारियों का राज व्यापारियों से चल रही खरीदी, किसान रही नदारत

खरीदी प्रभारी नारायण पटैल के हौसले बुलंद
लोकेशन ➖कटनी, खरीदी केंद्र सिहुडी
कटनी l सिहुड़ी खरीदी के विषय में जानकारी ली गई तो बताया गया कि यहां व्यापरियो के द्वारा ही खरीदी चल रही है केंद्र प्रभारी नारायण पटैल की ऐसी मनमानी चल रही हैं कि मौसम खराब होने के बाद भी केंद्र में कोई व्यवस्था नही की गई हैं व्यापारियों का खराब माल तौलकर अपनी जेब गर्म की जा रही हैं। व्यापारियों का कमीशन देखना हैं तो केंद्र प्रभारी नारायण पटैल से मिलिए। खरीदी केंद्र सिहुड़ी में धान कम बदरा ज्यादा दिखाई दे रहा हैं ऐसा लग रहा हैं जैसे खरीदी प्रभारी उच्चाधिकारियों को चुनौती दे रहा है ।जिले में धान की खरीदी की व्यवस्थाएं स्थाई हैं। लेकिन यहां व्यवस्थाएं अस्थाई हैं। खरीदी केंद्रों में अपनी उपज को बेचने के लिए वर्ष भर की मेहनत के लिए इंतजार करते अन्नदाता की नजर हमेशा आसमान की तरफ रहती है कि कहीं ऊपर वाला पानी न गिरा दे और उसकी वर्ष भर की मेहनत पर क्वालिटी का डंडा चलाकर प्रशासन उसकी फसल को रिजेक्ट न कर दे। यहीं नहीं किसान के अनाज को बेचे जाने के बाद भी रिजेक्ट कर दिया जाता है। इन सबसे क्या मतलब केंद्र प्रभारी को तो अपनी जेब गर्म करना है । जिले में हर वर्ष दो बार खरीदी केंद्रों में किसान अपना धान, गेहूं लेकर पहुंचता है। यहां पर भी सारी व्यवस्थाएं अस्थाई ही होती हैं। बिजली कनेक्शन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी अस्थाई हैं। धान और गेहूं के सीजन में खरीदी केंद्रों पर हजारों किसान अपनी धान लेकर पहुंचते हैं। यहां पर भी किसान के अनाज बेचने तक या बेचने के बाद बारिश सहित अन्य आपदाओं से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं होते हैं।
धान तौलाई का लिया जाता हैं पैसा
किसानों ने बताया कि धान तौलाई के लिए जो मजदूर लगे हैं उनकी मजदूरी शासन से आती है लेकिन खरीदी केंद्र सिहुड़ी में किसानों से अलग से मजदूरी का पैसा लिया जाता है l
भ्रष्टाचार का खेल इस तरह
जब किसान अपनी धान तौलाई करवाने जाता है तो शासन के निर्देश है कि 40,किलो700 ग्राम लिया जाए लेकिन खरीदी केंद्र सिहुड़ी में 41किलो,300 ले रहे हैं हर किसान से एक किलो 500 ग्राम प्रति किवंटल में लिया जाता है ।
🖋️*शो पीस सा खड़ा हड़प्पा थेशर
खरीदी केंद्र सिहुड़ी में बड़ी संख्या में तौलाई होने के बावजूद हड़प्पा का कोई उपयोग नहीं किया गया। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एवं नोडल अधिकारियों कि बात की जाये तो अधिकारियों को इतनी फुर्सत ही नहीं है की खरीदी केन्द्रों पर जाकर देख सके उन्हें तो अपने कमीशन से मतलब है। अधिकारियो की मिली भगत से खरीदी केंद्र सिहुड़ी में इतना बड़ा खेल चल रहा है। नियमों को ताक में रखकर खरीदी का खेल खेला जा रहा हैं।
🖋️ कटनी से ब्यूरो चीफ पारस गुप्ता की रिपोर्ट

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