आज शुक्रवार, भाद्रपद कृष्ण चतुर्दशी तिथि है।
आज आश्लेषा नक्षत्र, “राक्षस” नाम संवत् 2079 है।
👆 ( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
👉 कल कुश ग्रहणी अमावस्या है।
👉 गन्धमादन पर्वत पर सिर्फ तपस्वी ही अपने तप के प्रभाव से जा सकते हैं, अन्य कोई नहीं।
👉 गन्धमादन पर्वत की चोटी पर हनुमान जी रहते हैं।
👉 गन्धमादन पर्वत से स्वर्ग लोक जाने का रास्ता है। मानव इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाते हैं।
👉 कैलास पर्वत 6 योजन यानि 81.600 कि.मी. ऊॅंचा है।
👉 कैलास पर्वत के शिखर पर सिर्फ परम सिद्ध और देवर्षिगण ही जाते हैं, क्योंकि इसके बाद देवताओं की विहार भूमि है।
👉 बद्रिकाश्रम में हमेशा महर्षियों की भीड़ लगी रहती है।
👉 राजस्थान से सटा हुआ मरुस्थलीय (रेतीले) क्षेत्र का असली नाम उज्जालक सागर है।
👉 उत्तर भारत में कर्दमिल क्षेत्र है, जहॉं समंगा नदी है, जिसका दूसरा नाम मधुविला है। इस समंगा नदी में अष्टावक्र ऋषि ने स्नान किया था तो उनके अङ्ग सीधे हो गए थे।
👉 इसी कर्दमिल क्षेत्र में राजा भरत का राज्याभिषेक हुआ था।
👉 कनखल नाम की पर्वतमाला है, जो ऋषियों की तपस्या स्थली कही जाती है।
विजय अड़ीचवाल
प्रधान सम्पादक: विप्र जगत्, इंदौर
मोबा. 98262 47846
विप्र जगत् (मासिक) पत्रिका, इन्दौर
🌹 आज का विप्र जगत् पञ्चाङ्ग 🌹
(उज्जैन के पञ्चाङ्गों से साभार)
🌞 दिनांक 26 अगस्त 2022, शुक्रवार
👉 भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्दशी मध्याह्न 12:39 बजे तक, पश्चात अमावस्या तिथि
👉 आज राष्ट्रीय सौर तिथि 4 भाद्रपद (नभस्य मास) 1944, युगाब्द 5124 है।
🌞 इन्दौर का सूर्योदय : प्रातः 06:07
🌞 इन्दौर का सूर्यास्त : सायं 06:52 बजे
👉 अयन : दक्षिणायन
🌧️ ऋतु : शरद
👉 नक्षत्र : आश्लेषा सायं 7:32 बजे तक, पश्चात मघा
👉 योग : परिघ रात्रि 04:09 बजे तक, पश्चात शिव योग
👉 राहुकाल : स्थानीय समयानुसार प्रातः 09:30 से 12:00 बजे तक
👉 दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
🙏 प्रस्तुति : विजय अड़ीचवाल
प्रधान सम्पादक : विप्र जगत्
मो. 98262 47846
इन्दौर
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कल शनिवार 27 अगस्त 2022 के व्रत – पर्व – उत्सव
👉 कुश ग्रहणी अमावस्या।