*धन तभी सार्थक है, जब धर्म भी साथ हो।।
*सुंदरता तभी सार्थक है, जब चरित्र भी शुद्ध हो।।
*संपत्ति तभी सार्थक है,जब स्वास्थ्य भी अच्छा हो।।
*मंदिर जाना तभी सार्थक है, जब हृदय में भाव हो।।
*व्यापार तभी सार्थक है,जब व्यवहार भी अच्छा हो।।
*ज्ञानी होना तभी सार्थक है,जब सरलता भी साथ हो।।
*बुद्धिमता तभी सार्थक है, जब विवेक भीसाथ हो।।
*परिवार का होना तभी सार्थक है,
जब उसमें प्यार औरआदर हो।।
*रिश्ते तभी तक सार्थक है,
जब तक आपस में*विश्वास *हो ।।
*जीवन तभी सार्थक है, जब अपना *बोध * हो ।।
शुभ सादर नमन
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