कोरोना काल में अब तक के सबसे अधिक एक दिन में सामने आए 708 नए संक्रमित, 4 मौतों के बाद आंकड़ा 969 पर पहुंचा, संकमण दर अप्रैल 2020 के बाद 18 फीसदी पहुंची, अस्पतालों में 63 फीसदी बेड हो चुके हैं फुल। एक्टिव मरीजों की संख्या 4867 हुई।
मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर में कोरोना की रफ्तार के आंकड़े डरा रहे हैं। वैक्सीनेशन, नाइट कर्फ्यू समेत प्रशासन की ओर से की जा रही तमाम सख्तियां भी कोरोना की रफ्तार में कमी लाने के लिये कारगर साबित नहीं हो रही हैं। शुक्रवार देर रात तक शहर में सिर्फ 3867 कोरोना सैंपल लिये गए। इनमें 708 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई है। बता दें कि, ये अब तक के कोरोना काल में एक दिन में सामने आने वाला शहर का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस आंकड़े के सामने आने के बाद संक्रमण की रफ्तार दर 18.3 प्रतिशत दर्ज हुई है। बता दें कि, इससे पहले सिर्फ अप्रैल-2020 में संक्रमण दर इतनी ज्यादा रही थी।
अब तक 969 मौतों की पुष्टि
बात करें, शहर में संक्रमण से हुई अब तक मौतों की तो शुक्रवार रात तक चार और मौतों की पुष्टि हुई है। इसके बाद शहर में ये आंकड़ा भी 969 पर जा पहुंचा है। वहीं पिछले 48 घंटों के भीतर यानी अप्रैल माह के दो दिनों में ही शहर में संक्रमितों की संख्या 1390 जा पहुंची है।
हर 5 में से 1 सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव
कोरोना संक्रमण की जिला जांच टीम के मुताबिक, शहर में लिये जाने वाले हर 5 सैंपलों में से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जा रही है, जो बेहद चौंकाने वाली बात है। शहर में सबसे ज्या एक्टिव मरीजों की संख्या 16 सितंबर 2020 को थी। इसके बाद से ये घटते-घटते 12 फरवरी 2021 को सिर्फ 280 रह गई थी। लेकिन, सिर्फ डेढ़ माह की अवधि में ही यहां एक्टिव मरीजों की संख्या 5 हजार के करीब आ गई है, जो संक्रमण की रफ्तार बताने के लिये पर्याप्त है। ऐसे में अगर अब भी संक्रमण पर लगाम नहीं लगी, तो हालात बद से बदतर होने में देर नहीं लगेगी।
63 फीसदी बेड फुल
कोरोना की बेलगाम रफ्तार के चलते जिले के अस्पतालों में बेड की स्थिति भी नाजुक होती जा रही है। 61 निजी और 4 सरकारी अस्पतालों में 5548 बेड में से 63 फीसदी बेड अब तक भर चुके हैं। इंदौर में कोरोना काल के दौरान अब तक 9 लाख 40 हजार 285 सैंपल सैंपल लिये जा चुके हैं, जिनमें से 71, 699 रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जा चुकी हैं। इनमें से 65863 लोग ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं, जबकि 969 की मौत हो चुकी है। शहर में अक्टिव मरीजों की कुल संख्या 4867 है।
अस्पतालों में बेड की स्थित आईसीयू में
तेजी से बिगड़ते शहर के हालात को देखते हुए प्रशासन भी अब और अलर्ट मोड पर काम कर रहा है। अस्पतालों में लगातार घट रही बिसतरों की संख्या को देखते हुए प्रशासन की ओक से शहर के कई और निजी अस्पतालों को कोविड ट्रीटमेंट से जोड़ने जा रहा है। पहले 42 अस्पतालों में 3000 बेड कोरोना मरीजों के लिए थे, शुक्रवार तक अस्पतालों की संख्या बढ़ाकर 61 कर दी गई है।अब इनमें कोरोना मरीजों के लिए 4547 बेड आरक्षित किये जा चुके हैं। वहीं, 4 सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए 1001 बेड की व्यवस्था है। इस प्रकार 65 अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 5548 बेड हैं। इसमें से 63 फीसदी यानी 3517 भर गए हैं और 2031 फिलहाल खाली हैं। समस्या बड़े निजी अस्पताल और सुपर स्पेशिएलिटी में हो रही है। 27 निजी अस्पतालों में एक भी बेड खाली नहीं है। इनमें लंबी वेटिंग है। इसी तरह सुपर स्पेशिएलिटी में आईसीयू फुल है। इसके चलते मरीजों को बड़े अस्पताल छोड़कर अन्य अस्पतालों भर्ती होना पड़ रहा है।