पद की चिंता छोड़ मैदान में उतरे कमलनाथ
भोपाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पद की चिंता छोड़ मैदान में मोर्चा संभाल लिया है कृषि कानून एवं किसान आंदोलन के बहाने उन्होंने प्रदेश में दौरे शुरू किए हैं लक्ष्य है नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी यह लगभग साफ होने लगा है कि 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तरह नगरीय निकाय चुनाव में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुकाबले कमलनाथ ही होंगे शिवराज ने उज्जैन से दौरे की शुरुआत की है यह प्रदेश की सभी 16 नगर निगम क्षेत्रों में पहुंचकर पार्टी को सक्रिय करेंगे कांग्रेस निकाय चुनाव के जरिए प्रदेश में वापसी की कोशिश में है जबकि मुख्यमंत्री चौहान सत्ता और संगठन की ताकत में सभी 16 नगर निगमों में कब क्यों की तैयारी में है
2023 का सेमीफाइनल होंगे नगर निकाय चुनाव
कांग्रेस और भाजपा की तैयारी को देखकर साफ है कि वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नगरीय निकाय चुनाव को तैयारी के रूप में देखा जा रहा है इसलिए दोनों ओर से स्टार प्रचारकों कमलनाथ और शिवराज सिंह के द्वारा तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई है कमलनाथ ने शहरी इलाकों से दौरे की शुरुआत की है तो शिवराज सिंह चौहान भी लगातार दौरे कर रहे हैं
शिवराज की महाकाल की नगरी से शुरुआत
निकाय चुनाव की तैयारियों में भाजपा भी पीछे नहीं है वैसे भी दौरा करने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मुकाबला दूसरा कोई और नहीं कर सकता है उन्होंने महाकाल की नगरी उज्जैन से अपने दौरे की शुरुआत 13 जनवरी को कर दी है वे लगभग हर रोज किसी ना किसी शहर में पहुंच रहे हैं शिवराज के सभी 16 नगर निगम के दौरे होंगे वही कांग्रेश कृषि आंदोलन का मुद्दा बनाकर जनता के सामने अपना पक्ष रख रही है तो भाजपा किसानों के पक्ष में कृषि कानून को मुद्दा बना रही है
यूकॉ ट्रेनिंग कैंप धार से दौरे की शुरुआत कमलनाथ ने 12 जनवरी को धार में आयोजित यूकॉ कैंप में पहुंचकर नगरीय निकाय में माहौल बनाने की कोशिश की उसके बाद 15 जनवरी को छिंदवाड़ा में ट्रैक्टर रैली 16 को किसान आंदोलन में पहुंचकर माहौल बनाने की कोशिश की कमलनाथ 19 को बालाघाट सिवनी और 20 को मुरैना पहुंचकर किसान आंदोलन के बहाने नगरीय निकाय चुनाव में माहौल बनाने की कांग्रेस के पक्ष में कोशिश करेंगे