Friday, Oct 18, 2024
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मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट की तैयारियों शुरू कर चुकी है,

कोरोना संक्रमण काल की वजह से घटे राजस्व और आत्मनिर्भर भारत के रोडमैप को ध्यान रखकर तैयार करेगी. वित्त विभाग ने बजट की तैयारियों को लेकर विभागों से जड़े बजट प्रस्ताव मंगाने शुरू कर दिए हैं.

भोपाल। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट को लेकर वित्त विभाग तैयारियों में जुट गया है. कोरोना संक्रमण काल की वजह से घटे राजस्व और आत्मनिर्भर भारत के रोडमैप को ध्यान में रखकर पूरे बजट का खाका तैयार किया जाएगा. सरकार पहले ही गैर जरूरी खर्चों पर रोक लगा चुकी है, साथ ही लोक जन से जुड़ी योजनाओं को छोड़ बाकी योजनाओं में अतिरिक्त बजट की उम्मीद कम है. बजट तैयारियों को लेकर वित्त विभाग ने इसकी शुरुआत विभागों की सिलसिलेवार बैठक से कर दी है. वही विभागों से जुड़े बजट प्रस्ताव मंगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है बजट में सरकार आय के नए स्रोत ढूंढने के रास्ते निकालेगी हालांकि नए टैक्स लगाए जाने के संकेत नहीं हैं.

विभाग बार बैठकों का सिलसिला हुआ शुरू

वित्त विभाग पर्स 2021-22 के लिए बजट को लेकर तैयारी में जुट गया है. इसकी शुरुआत विभाग ने सभी विभागों के साथ बैठकों से किया है. वित्त विभाग ने बजट अनुमान के लिए विभागों को चर्चा के लिए बुलाया है. प्रशासकीय विभाग के अधिकारियों के पहले वित्त विभाग उप सचिव से चर्चा करेगा. इस दौरान विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित रहेंगे. इसके लिए 21 दिसंबर को वाणिज्य कर विभाग, एमएसएमई, नगरीय विकास एवं आवास, विमानन, उच्च शिक्षा, सहकारिता, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग को चर्चा के लिए बुलाया है. 22 दिसंबर को ऊर्जा, लोक निर्माण, खाद्य विभाग, परिवहन, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी, पर्यावरण, पर्यटन, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास और 23 दिसंबर को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, आध्यात्म, कृषि, खेल एवं युवा कल्याण विभाग से चर्चा की जाएगी.

विभागों से मांगे जा रहे बजट के प्रस्ताव

वित्त विभाग ने विभागों से बजट प्रस्ताव मांगना शुरू कर दिया है. हालांकि वित्त विभाग ने सभी विभागों को सूचित किया है कि नई सेवा को नवीन पद की श्रेणी में ही शामिल करते हुए बजट प्रस्ताव भेजे जाएं. वित्त विभाग ने कहा है कि नई मद के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है. वित्त विभाग द्वारा वाणिज्यिक कर, ऊर्जा, उद्योग, एमएसएमई सहित अन्य विभागों को दी गई राहत का ब्यौरा भी मांगा है. इससे पता चलेगा कि राज्य के खजाने पर कितना भार पड़ा है और आने वाली वित्तीय वर्ष में इन रियायतों का राजस्व पर कितना असर दिखाई देगा. हालांकि मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि स्वयं के संसाधनों से वित्त की व्यवस्थाएं बनाई जाए. बजट के बाहर से कैसे अतिरिक्त राशि का प्रबंध किया जा सकता है, इस पर भी ध्यान दिया जाए. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के मुताबिक वर्तमान हालातों से जनता भी भली-भांति परिचित है. बजट किस तरह का होगा, यह भी जनता जानती है, लेकिन सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के तरीके खोजे जाएं इसको लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है.

आर्थिक विशेषज्ञ संतोष अग्रवाल के मुताबिक कोरोना संक्रमण काल के प्रभावों से बाजार उबर रहा है. इसका असर प्रदेश के आगामी बजट पर भी दिखाई देगा. उम्मीद है सरकार का पूरा फोकस जनता की जेब पर भार डाले बिना आय के नए स्रोत तलाशने पर होगा. कोरोना काल में कृषि को लेकर सरकार का फोकस और बड़ा है. उम्मीद है कृषि विभाग के बजट में बढ़ोतरी हो सकती है. उनके मुताबिक सरकार को कृषि के अलावा उद्योग व्यापार पर भी सरकार को राहत देनी चाहिए. बजट में सरकार कोशिश करे कि अपने स्तर पर राजस्व कैसे बढ़ा सकती है, नए टैक्स पर सरकार को विचार नहीं करना चाहिए.

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