हमारे समाज के परिवारों में पिछले कुछ समय से कोरोना की चपेट में आने वाले कई परिवार आज घरों या फिर अस्पतालों में अपना इलाज ले रहे हैं । कईयों को तो इस कोरोना ने पूरे परिवार को चपेट में ले लिया है । ये सब शादियों के आयोजन के कारण हो रहा हैं । क्यों अपने परिवार के सदस्यों व प्रियजनों के जीवन के साथ हम खिलवाड़ कर रहे है !
अगर परिवार के कर्ताधर्ता और दायित्व निर्वाह करने वाले को कुछ हो गया तो आप सोचो क्या भयानक स्थिति होगी जो आप-हम कभी भूल नहीं पाएंगे ।
हम लोग अपनी शान-शौक़त और समाज में अपनी इज्ज़त बरकरार रखने के लिए इस कोरोना काल मे भी मूर्खतापूर्ण काम कर रहे हैं। एक भूल जिंदगी भर के लिए एक दर्द छोड़ के जा सकती है। हम इतने रूपए खर्च करके क्यों मौत को बुलावा दे रहे हैं ! क्यों हम बाप-दादाओ के कमाए हुए पैसों को हम चंद घंटो के लिए उड़ाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं !
हमें इस कोरोना जैसी महामारी ने बहुत सिखाया है। हम स्वस्थ हैं यही हमारे लिए अच्छा है । ये बीमारी जिन परिवार वालों पर गुजरी है उनको जाकर पूछिए कि उनके क्या हालात हैं ! कइयों के तो पैसे भी गए और आदमी भी ?। अब भी वक्त रहते हम सुधरे नहीं तो हालात बद से बदतर होते देर नहीं लगेगी ।
अगर हम एक साल किसी की शादी समारोह या खाने में नहीं जाएंगे तो कोई फर्क नही पड़ेगा लेकिन जब ये कोरोना मौत का ताण्डव करेगी तब सारे रास्ते बंद हो जायेंगे।
और तो और जिनके घर पर शादी है वह भी लोग कम से कम लोगों को बुलाने की चेष्टा करें। अगर इस भयंकर महामारी में अगर कोई अपना भी चपेट में आ गया तो पछताने के सिवा आपके पास कुछ नहीं रहेगा।
सो अब आपको सोचना है कि कौनसा रास्ता अपनाना है । जिंदगी रही तो हम-आप सब के साथ मिलकर खुशियां बांट लेंगे अन्यथा लोग आपकी दुःख की घड़ी में भी आपके साथ खड़े नहीं होंगे ।