बहुत अधिक साफ-सफाई व हाइजीन के खुमार से हम प्रकृति से दूर कर रहा। प्रकृति के साथ जीवन शैली नहीं अपनाने पर शारीरिक और मानसिक नुकसान हो रहा है।
मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु और शून्य(आकाश ) से मानव शरीर बना है। मिट्टी शरीर की त्वचा में निखार और आवश्यक पोषक तत्व शरीर में प्रवेश कराती हैं। पानी आवश्यक है, भरपूर पानी पीने पर शारीरिक संतुलन बना रहता है। पानी पीने के जरिए आवश्यक मिनरल भी हमारे शरीर को मिलते है। अग्नि याने ताप हमारे लिए अति आवश्यक है हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार ताप के द्वारा ही होता है। ठंडे देश में रहने वाले लोग बार-बार खाना खाते हैं ताकि उनके शरीर में गरमाहट बनती रहे। सूर्य प्रकाश ताप पुर्ती करता है। वायु याने ताजी हवा ऑक्सीजन हमारे शरीर और मस्तिष्क के लिए अत्यावश्यक है, अतः ताजी हवा में ज्यादा रहें। आकाश याने शुन्य शरीर के दो अंगो के बीच की दूरी बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है। ब्रह्म मुहूर्त में उठना,ताजी हवा में रहना, धूप सेकना, ताजे फल फ्रूट खाना भरपूर पानी पिना, कभी-कभी मिट्टी से नहाना, पसीना आने तक मेहनत करना यही अच्छी सेहत की निशानी है।