हमारा शहर स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर है, मेरी सोच है वह स्मार्ट सिटी के लिए ही नहीं वरन, नगर, ग्राम, कस्बे तक के लिए है। हमारे यहां विकास के लिए पंचायत, जनपद, नगर निगम, नगर पालिका, विकास प्राधिकरण, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, हाउसिंग बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, नर्मदा पाइपलाइन, गैस पाइपलाइन ऐसे अलग-अलग कई विभाग है जब कोई भी विकास योजना बनती है मान लो पीडब्ल्यूडी ने कोई रोड डेवलपमेंट की योजना बनाई तो रोड बन जाती है परन्तु बाद में बिजली, पानी, ड्रेनेज, गैस आदी काम करते है तो वह रोड बार-बार खोदी जाती है। हम शहर में आए दिन कहीं ना कहीं खोदा-खादी का काम होते देखते हैं जबकि वहां पहले रोड बन चुके होते हैं। यह मेरी सोच और अपील है स भी शासकीय अर्थशासकीय व स्वायत्त विभाग एकजुट होकर क्यों नहीं स्मार्ट तालमेल बनाकर स्मार्ट तरीके से काम करें ताकि सभी विकास एक बार में हो जाए बार-बार खोदा-खादी नहीं हो। हर बार खोदा-खादी से हवा में धूल भी बहुत उड़ती है और पैसे की बर्बादी भी होती है साथ ही आसपास के रहवासियों को और वहा के ट्रेफीक में कई विघ्न पैदा होती है।