कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी के नेता की हत्या के मामले में बेरुखी दिखाई और सागर आईजी सक्सेना ने 20000 का इनाम घोषित करने के बाद विधायक के पति का नाम वापस ले लिया यह मध्यप्रदेश का अपनी तरह का एक उदाहरण है। भाजपा ने भी इस मामले में ना तो कोई बयान बाजी की ना कभी कोई कार्रवाई की मांग की क्योंकि भाजपा को लगता था कि राम बाई की जरूरत उसे बहुमत के दौरान पड़ेगी। इससे एक कदम और आगे जाकर पीड़ित परिवार के लोगों पर हरिजन एक्ट का मामला दर्ज करा दिया। यह परिवार जिसका व्यक्ति मारा गया वह उल्टा परेशान है और मध्य प्रदेश में सुशासन है।