टोयोटा किर्लोस्कर मोटर मैनेजमेंट और कर्मचारी यूनियन के बीच गतिरोध जारी है. मैनेजमेंट के खिलाफ कर्मचारी 9 नवंबर से हड़ताल पर हैं, उनकी मांग है कि प्लांट के अंदर कर्मचारियों को बेहतर माहौल दिया जाए. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर का यह प्लांट कर्नाटक के बिदादी में है.
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि राजधानी बेंगलुरु से सटे होने के बावजूद सरकार उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही है. इस फैक्ट्री में टोयोटा इनोवा, फॉर्चूनर जैसी महंगी कारें बनती हैं. यूनियन की मानें तो प्लांट के अंदर कर्मचारी हमेशा काम को लेकर दबाव में रहते हैं. पहले इस प्लांट में हर साल 80 हजार कारों के निर्माण का टारगेट था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया है. लेकिन कर्मचारियों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. यानी पहले जितने कर्मचारी थे, उन्हीं से ज्यादा काम लिया जा रहा है.
एक कर्मचारी ने उदाहरण के तौर पर बताया कि फिलहाल 3 मिनट में एक इनोवा असेम्बल की जाती थी. अब हर 2.5 मिनट में ही एक इनोवा तैयार हो रही है. यूनियन का कहना है कि इस प्लांट में कर्मचारी 98% तक प्रोडक्शन दे रहे हैं, फिर भी कर्मचारियों पर कामचोरी का आरोप लगाया जा रहा है.