यह बात देखने में आ रही कि कोरोना चुनाव को बडी तबज्जू देता है। हमने हाल ही में देखा मध्य प्रदेश और बिहार जहां भी चुनाव हुए कोरोना कम होता गया। अब हैदराबाद में चुनाव है तो वहां कोरोना निश्चित कम होगा, क्योंकि जिस जगह भारत के गृहमंत्री हजारों की संख्या को लेकर रैली निकालते हैं यदि इसे सोशल डिस्टेंसिंग से पालन करते हुए निकाले तो शायद हैदराबाद के भी बाहर दूसरे शहर तक लंबी रेलिंग हो जाए। पर वहां कोरोना का असर कम है इसलिए चुनावी रैलिया मीटिंग सभी हो रहे हैं। अब आने वाले समय में तेलंगाना, पश्चिम बंगाल यहां कोरोना का असर कम होगा क्योंकि यहां चुनाव होने वाले हैं। और यह पट्ठा कोरोना इतना चंट है कि अब मध्यप्रदेश और बिहार में कैस बढ़ा रहा है। यह चुनाव होने तक चुप रहता है उसके बाद फिर अपना असर दिखाता है, इन दोनों का गज़ब तालमेल है। सही क्या गलत क्या नहीं पता पर ऐसा अनुमान जरूर होता है।