शायद शराब की दुकान को छूट इसलिए ताकि आबकारी रेवेन्यू से खजाने में पैसा आये। और इसी बात को लेकर मैंने सपने में अजीब तरीका देखा, हर मोहल्ले के मुहाने पर जिस तरह डस्टबिन लगते हैं उसी तरह गुल्लाके लगी हुई है। मोहल्ला पार करना है उसमें अठन्नी डाल दो, सीना चौड़ा करके चलना है तो ₹1 डाले। दो जने हाथ में हाथ मिलाकर चलना है तो डेढ़ रुपया। बारात निकालना हैं तो ₹10 और कर्फ्यू समय से 2 घंटे आगे तक की छूट। दारु की दुकान पर जाना है ₹15 कर्फ्यू और समय से आधे घंटे ज्यादा तक की छूट। कर्फ्यू में रात को घूमना हो तो स्पेशल किमती पास खरीद लो। दरअसल कोरोना के बाद से बड़ा कंफ्यूज दिमाग हो गया और कंफ्यूज दिमाग शैतान का घर बन गया और मैने यह गलत सपना देखा। अच्छा हुआ मेरी नींद खुल गई और सपना टूटा और समझ गया की सरकार ने खजाने के साथ आपकी सेहत का भी ख्याल रखा, उनके निर्णय सही है।
अशोक मेहता, वास्तु एवं पर्यावरणविद् , इंदौर