ढीमरखेड़ा | ग्राम पंचायत भमका में स्वच्छता की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है। यहां गंदगी का अंबार लग चुका है, और नालियों की सफाई ना होने के कारण हालात बदतर हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उभर रही हैं और हाल ही में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है। ग्राम पंचायत भमका में नालियों की सफाई का अभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। नालियों में कचरा और गंदगी जमा हो गई है, जिससे पानी की निकासी रुक गई है। नतीजतन, पानी का ठहराव होता है और गंदगी फैलती है। यह स्थिति न केवल वातावरण को दूषित करती है बल्कि जलजनित रोगों को भी बढ़ावा देती है। मच्छरों का प्रजनन बढ़ता है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में, इसी गंदगी के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई, जो इस समस्या की गंभीरता को और बढ़ा देता है। इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। ग्राम पंचायत का प्रमुख व्यक्ति, सरपंच, साफ-सफाई और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन भमका में सरपंच और सचिव के बीच मतभेदों के कारण प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। सरपंच की जिम्मेदारी है कि वह गांव की सफाई सुनिश्चित करे, लेकिन उनके प्रयासों में कमी दिखाई देती है। इसके अलावा, सचिव का नशे में धुत्त रहना और अपनी जिम्मेदारियों को न निभाना भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है। ग्राम पंचायत भमका में प्रशासनिक असफलता स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। सरपंच और सचिव के बीच तालमेल की कमी से गांव की समस्याएं और बढ़ गई हैं। सरपंच का सचिव पर नियंत्रण न होना और सचिव का अपनी जिम्मेदारियों से भागना, दोनों ही स्थिति को बिगाड़ते हैं। प्रशासनिक ढांचे में यह असफलता गांव के विकास में बाधा बनती है और इसके परिणामस्वरूप, गांव के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत भमका की जनता भी इस स्थिति के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार है। उन्हें अपनी समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाना चाहिए और समाधान की मांग करनी चाहिए। यदि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही दिखाई देती है, तो जनता को संगठित होकर उनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। सामूहिक प्रयासों से ही इस समस्या का समाधान संभव है। नियमित रूप से नालियों की सफाई सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसके लिए पंचायत को एक सफाई योजना बनानी चाहिए और इसे सख्ती से लागू करना चाहिए। गांव के लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए। स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को नालियों में कचरा न फेंकने की सलाह दी जानी चाहिए।सरपंच और सचिव के बीच के मतभेदों को सुलझाना जरूरी है। इसके लिए उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को हस्तक्षेप करना चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। जनता को प्रशासनिक कामकाज में भागीदार बनाना चाहिए। इससे न केवल प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता आएगी, बल्कि लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। ग्राम पंचायत भमका में गंदगी का अंबार और नालियों की सफाई ना होने के कारण उत्पन्न समस्याएं प्रशासनिक असफलता और जनता की निष्क्रियता का परिणाम हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासनिक सुधार, जन जागरूकता और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। प्रशासन को अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए और जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। केवल तब ही हम एक स्वच्छ और स्वस्थ ग्राम पंचायत की स्थापना कर सकते हैं।