2022 में 5 स्थानो पर विधानसभा चुनाव होने जा रहे है, इसमें सबसे दिलचस्प मुकाबला उत्तरप्रदेश में होने जा रहा है,उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ का सिंहासन बच पाता है या अखिलेष यादव की वनवास से वापसी हो पायेगी ! ज्योतिष के अनुसार क्या कहतें है इनके सितारे ?
योगी आदित्यनाथ की जन्मकुंडली – उत्तरप्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर उत्तराखंड के पौडी जिले में हुआ था। योगी की कुंडली में सिंह लग्न व कुंभ राशि है। कर्म भाव में वृष राशि के सूर्य बुध के साथ होकर बुधादित्य योग का निर्माण कर रहा है वहीं षनि के साथ ग्रहण योग भी बना रहा है जो एक वर्ग में लोकप्रियता के साथ दुसरे वर्ग में अलोकप्रिय भी बनाता है।
वृष राशि के सूर्य की कर्म भाव में उपस्थिती से सम्मान व उच्चस्तरीय पद भी प्राप्त होता है, साथ ही बुध की उपस्थिति से जातक एक कुषल प्रशासक होता है व निम्न स्थिति से उच्च स्थिति तक पहुुॅचता है। इस भाव में शनि की उपस्थिति अपने माता पिता से अलग कर देती है व उच्च पद पर होने के बाद भी कष्ट प्रदान करता है ।
शत्रुओं का काल¬ – योगी की कुंडली में शत्रु भाव में मकर राशि के राहु की उपस्थिति शत्रुओं के लिये साक्षात काल के समान है अर्थात उनके शत्रु चाहकर भी उनका कुछ नही बिगाड पायेगें। बुध की महादशा में शनि का अंतर व राहु के प्रत्यतंर आते ही योगी सब नेताओं को छोडकर मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुऐ। वर्तमान में चल रही केतु की महादशा में गुरू का अंतर, दोनो ग्रह आपस में शत्रुता रखते है, योगी को बाहरी विरोधियो के साथ अपने पार्टी के लोगो से भी जुझना होगा, इसलिये समय अनुकूल नही कहा जा सकता परन्तु राहु के प्रभाव से विरोधी इतने हावी नही हो पायेगें । केतु की दशा में गुरू का अंतर व राजयोग कारक ग्रह बुध का प्रत्यतंर के समय अर्थात फरवरी मार्च में चुनाव होते है तो योगी को निष्चित सफलता मिलेगी।
अखिलेष की जन्मकुंडली
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा में कन्या लग्न में हुआ था, जिसकी राशि मिथुन है। यादव की कुंडली में शुभ अशुभ योग का संयोजन है। कुंडली मे गजकेशरी योग व सरस्वती जैसे राजयोग व प्रतिष्ठा के योग है वही दुसरी ओर ग्रहण योग,विष योग जैसे अशुभ योग भी उपस्थित है। अखिलेश ने 15 मार्च 2012 को सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में षपथ ली थी ।
आय भाव में बैठे बुध के साथ शुक्र सरस्वती योग के साथ ही बुध की महादशा में राहु का अंतर आते ही सफलता प्राप्त हुई व वे वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री के पद पर पहुचें वहीं बुध की महादशा मेें अपने मित्र ग्रह शनि का अंतर आते ही अखिलेश को मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पडा यहॉ अक्सर यह सवाल होता है कि मित्र राशि का अंतर होने पर सत्ता से हाथ धोना पडा यह कैसे ! यहॉ जानना भी होगा की ऐसा कैसे हुआ,जन्मकुंडली के 11 वे भाव में बुध अपनी शत्रु राशि चन्द्र की उपस्थिति के साथ ही जैसेे शनि का अंतर आंरभ हुआ वैसे से चन्द्र से योग कर विष योग का निर्माण हो गया व परिवार वाले व अन्य मित्र दुर होते चले गये व भ्रम की स्थिति होने से उन्हें सत्ता से हाथ धोना पडा । वर्तमान में चल रही केतु की महादशा में चल रहा नीच राशि के गुरू का अंतर वाणी में खोट पैदा करेगा स्थिति अनुकूल होने के बाद भी वाणी दोष होगा व स्थिति विपरीत होगी साथ ही केतु जो चन्द्र व सूर्य से अशुभ योग कर रहा है, का अपने मित्र राशि शनि के अतंर आने पर सफलता जरूर दिलवायेगा पर उतनी नही की वे अपने दम पर शिखर पर जा पहुचें ,साथ ही विष योग के कारण अपनो के साथ भी जुझना होगा ।
भाजपा की कुंडली
विधानसभा चुनाव में भाजपा की जन्म कुडंली देखे तो कुुंडली में वर्तमान में चल रही चन्द्र की दशा में गुरू का अंतर उच्च योग होकर गजकेसरी योग का निर्माण कर रहा है जो अगस्त 2022 के पूर्वार्द्ध तक जारी रहेगा यह योग भाजपा को सफलता जरूर दिलवायेगा। यह योग उत्तरप्रदेश में भाजपा की सफलता की ओर स्पष्ट ईशारा करता है।
लेखक पं अजय षर्मा वकील और ज्योतिष विज्ञान के जानकार है
संपर्क 9893066604