कश्मीर के मुद्दे पर लगभग हर मंच से भारत को घेरने की कोशिश कर चुके पाकिस्तान के तेवर पिछले कुछ दिनों से बदले नजर आ रहे हैं। दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने की स्थिति फिर बन रही है। बीते दिनों पाक पीएम इमरान खान कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत में मुख्य भूमिका संयुक्त अरब अमीरात (UAE) निभा रहा है। इसके लिए एक रोडमैप तैयार हो चुका है। संभावना है कि इस रोडमैप से दोनों देशों के बीच स्थायी समाधान निकल सकता है।
DGMO लेवल की बैठक में दिखे थे पॉजिटिव डेवलपमेंट
फरवरी के अंत में भारत और पाकिस्तान की सेना में DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) लेवल की बैठक हुई थी। तब हॉटलाइन पर बात करते हुए दोनों देश 2003 के सीजफायर समझौते का पूरी तरह से पालन करने पर राजी हुए थे। UAE ने इस डेवलपमेंट की सराहना की थी और 24 घंटे बाद वहां के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद भारत की यात्रा पर पहुंचे थे।
बंद कमरों में हुई बैठक में बनी सहमति
रिपोर्ट के मुताबिक 26 फरवरी को नई दिल्ली पहुंचे UAE के विदेश मंत्री और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच रीजनल और इंटरनेशनल मुद्दों पर अहम बातें हुईं थीं। बंद कमरों में हुई बैठक में पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते सुधारने को लेकर बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो दोनों देशों का सीजफायर समझौता बहाल करना तो सिर्फ शुरुआत है। अब तेजी से भारत और पाकिस्तान संबंध सुधारने की दिशा में काम शुरू कर देंगे।
सबसे पहले राजदूत को बहाल करेंगे दोनों देश
रिपोर्ट के मुताबिक अब पाकिस्तान नई दिल्ली में तो भारत इस्लामाबाद में अपने राजदूत को फिर से नियुक्त करेंगे। 2019 में कश्मीर से धारा 370 हटाने पर पाकिस्तान ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था और नई दिल्ली से अपने राजदूत को पाकिस्तान बुला लिया था। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारत के राजदूत अजय बिसारिया को भी जाने के लिए कह दिया था।
रिश्ते सुधरने की बड़ी वजह बनेगा कारोबार
रिपोर्ट के मुताबिक बातचीत के पीछे व्यापार भी एक बड़ी वजह है। राजनयिकों को बहाल करने के बाद दोनों देश कारोबार शुरू करेंगे। दरअसल UAE और सऊदी अरब के भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध हैं और वह दोनों को ही एक साथ साधकर चलना चाहता है।
पाक सेना प्रमुख ने कहा था- पुरानी बातें भूलना चाहिए
करीब सप्ताह भर पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का एक बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनों को पुरानी कड़वाहट भूलकर आगे बढ़ना चाहिए। उनके इस बयान को भी दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की पहल के रूप में देखा गया था।
2003 में सीजफायर को लेकर हुआ था एग्रीमेंट
नवंबर 2003 में भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने LOC पर सीजफायर एग्रीमेंट किया था। जिसके मुताबिक दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे पर गोलीबारी नहीं करेंगी। तीन साल तक यानी 2006 तक दोनों तरफ से इस सीजफायर को माना गया, लेकिन उसके बाद से पाकिस्तान ने लगातार सीजफायर का उलंघन किया। जिसकी आड़ में LOC के करीब बनाए गए आतंकी लॉन्चपैड्स से घुसपैठ की न सिर्फ कोशिशें हुईं, बल्कि पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ करवाने में मदद भी की।
दो साल बाद होगी सिंधु जल मसले पर बैठक
राजधानी दिल्ली में सिंधु नदी जल मामले पर 23 और 24 मार्च को बैठक होनी है। इसमें सिंधु जल के बंटवारे पर चर्चा होगी। ये बैठक हर साल होती थी, लेकिन भारत के कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद बैठक दो साल से स्थगित थी।